
नई दिल्ली। चांद के साउथ पोल पर परचम लहराने के बाद ISRO देश के पहले सौर मिशन Aditya L-1 के लिए पूरी तरह तैयार है। इस बहुप्रतीक्षित मिशन को शनिवार को सुबह 11.50 पर श्रीहरिकोटा से लांच की जाएगी। लॉन्चिंग के पहले सारी लॉन्च रिहर्सल और स्पेसक्राफ्ट की आन्तरिक जांच पूरी हो चुकी है। इस महत्वपूर्ण मिशन को PSLV-C57 द्वारा लॉन्च किया जाएगा। सूर्य के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाने के लिए हमारा देश पहली बार मिशन लॉन्च कर रहा है। इस मिशन की सफलता के लिए ISRO चीफ एस सोमनाथ आज चांगलम्मा परमेश्वरी मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की साथ में उन्होंने कहा- चंद्रयान-3 के बाद अब Aditya-L1 की बारी है और उसके बाद गगनयान की बारी होगी।

ISRO चीफ क्या बोले
आदित्य एल-1 को लेकर जब इसरो प्रमुख एस सोमनाथ से सवाल पूछा गया तो जवाब देते हुए उन्होंने कहा “आज Aditya-L1 की उलटी गिनती शुरू हो रही है और यह कल सुबह 11.50 बजे लॉन्च होगा। Aditya-L1 उपग्रह हमारे सूर्य का अध्ययन करने के लिए है। L1 बिंदु तक पहुंचने में इसे 125 दिन और लगेंगे। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्षेपण है। हमने अभी तक फैसला नहीं किया है मगर आदित्य एल 1 के बाद चंद्रयान-4 के लिए हम जल्द ही ऐलान करेंगे। हमारा अगला लॉन्च गगनयान है, यह अक्टूबर के पहले सप्ताह तक होगा।”
यहां लाइव लॉन्चिंग देख सकेंगे
1.ISRO की वेबसाइट-:https//isro.gov.inपर
2.Facebook – https://facebook.com/ISRO
3.Youtube- https://youtube.com/watch?v=_IcgGYZTXQw
4.DD नेशनल टीवी -11:20 AM से
Aditya-L1 मिशन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
यह मिशन भारत के बहुत महत्वपूर्ण है। भारत को इस मिशन से बहुत उम्मीदें हैं। इस मिशन के मुख्य उद्देश्य की बाते करें तो आदित्य सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं का अध्ययन करेगा। सौर वायुमंडल को समझने का प्रयास करेगा। सौर हवाओं के विभाजन और तापमान का अध्ययन करेगा। सौर तूफानों के आने की वजह, सौर लहरों और उनका धरती के वायुमंडल पर क्या असर होता है, इसका अध्ययन करेगा। ISRO की रिपोर्ट के मुताबिक, आदित्य L1 मिशन का कुल बजट करीब 378 करोड़ रुपए है।
यह मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक होगा क्योंकि भारत पहले ही चंद्रमा और मंगल ग्रह पर यान भेजकर सफलता हासिल कर चुका है। अब सूर्य के लिए यान भेजने की तैयारी है। इस मिशन के लॉन्च होने के बाद भारत सूरज के पास अंतरिक्षयान भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले जर्मनी, यूरोपीय स्पेस एजेंसी और अमेरिका सूर्य के लिए अपने मिशन को लॉन्च कर अपना यान भेज चुका है।