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MP Elections : मध्य प्रदेश में सीट बंटवारे पर टेंशन, आम आदमी पार्टी के बाद अब सपा ने बढ़ाई कांग्रेस की मुसीबत!

दिल्ली. आम आदमी पार्टी के बाद अब समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी है. समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस से 7 सीटों की मांग की है. सपा का तर्क है कि पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में एक सीट जीती थी और 6 विधानसभा सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस इतनी संख्या में सीटें देने को तैयार नहीं है.

पहले आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस की टेंशन बढ़ाई और अब सपा भी उसी राह पर है. समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस से 7 सीटें मांगी हैं. 2003 में कांग्रेस ने ये 7 सीटें जीती थीं. सपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में इनमें से एक सीट जीत ली थी और बाकी 6 पर वो बीजेपी के बाद दूसरे नंबर पर रही थी. कांग्रेस यहां तीसरे नंबर पर चली गयी थी. इन 7 में से सपा 5 सीट बीजेपी से हारी थी और एक कांग्रेस से. इसी आधार पर अब वो कांग्रेस से 7 सीटें मांग रही है.

बीजेपी को हराना है तो त्याग के लिए तैयार रहें

यही नहीं सपा ने तो बंटवारे की बात से पहले ही 6 सीटों पर उम्मीदवार घोषित भी कर दिए हैं. समाजवादी पार्टी निवाड़ी, राजनगर, मंडेरा, मेंहगांव, धौहानी और चितरंगी सीटों पर टिकट देने के बाद पार्टी चुनाव प्रचार में जुट गई है. सपा नेता फखरुल चांद हुसैन कहते हैं बीजेपी को हराने के लिए इंडिया गठबंधन के दलों को त्याग करने के लिए तैयार रहना होगा.

नेतृत्व देगा जवाब
इंडिया गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक के दौरान सपा ने कांग्रेस से गठबंधन की बात कही है. फिलहाल कांग्रेस अपने नेतृत्व से बात कर जवाब देने की बात कह रही है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी जितनी सीटें मांग रही है उतनी नहीं दे सकते लेकिन इस बार बीजेपी को मौका नहीं देना है इसलिए सपा की मांग पर विचार किया जाएगा. कांग्रेस सूत्र कह रहे हैं कि पिछले चुनाव में जो प्रदर्शन रहा उसके आधार पर समाजवादी पार्टी सिर्फ एक सीट की हकदार है. हालांकि जिन सीटों पर पार्टी दूसरे नंबर पर रही वहां की एक या दो मजबूत सीटों पर भी सपा को समायोजित करने पर विचार किया जा सकता है. कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह कहते हैं पार्टी आलाकमान ऐसे मामलों पर निर्णय लेगा.

I.N.D.I.A. गठबंधन में सीट बंटवारा सिरदर्द

इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारा सिरदर्द बना हुआ है. पहले आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस की टेंशन बढ़ाई और अब समाजवादी पार्टी भी उसी राह पर है. इसी वजह से बीजेपी बिखरे विपक्ष के सामने मजबूत दिखती है.

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