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MP: बंडा विधानसभा सीट पर बीजेपी को फिर चुनाव जीतने की चुनौती

भोपाल/सागर। सागर जिले में आने वाली बंडा विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है। यह सीट लंबे समय तक बीजेपी के कब्जे में रही। बीड़ी उद्योगपति पूर्व पूर्व मंत्री हरनाम सिंह राठौर यहां से चार बार चुनाव जीते। फिलहाल यहां कांग्रेस के तरबर सिंह लोधी विधायक हैं। मालूम हो कि 2013 के विधानसभा चुनाव में हरनाम सिंह राठौर के पुत्र बीजेपी के हरवंश सिंह राठौर की हार हुई थी। कांग्रेस की बात करें तो यहां 2018 में तरबर सिंह लोधी 2008 में नारायण प्रजापति, 1993 में संतोष साहू और 1980 में प्रेम नारायण गोरेलाल चुनाव जीतकर आए थे।

संघ के करीबी माने जाने वाले रंजोर सिंह बुंदेला को झटका

आरएसएस के करीबी माने जाने वाले रंजोर सिंह बुंदेला पिछले दो साल से बंडा विधानसभा से टिकट की दावेदारी कर रहे थे और लगातार क्षेत्र में काम भी कर रहे थे। वे संघ की पसंद थे और उन्हें टिकट दिलाने के लिए पार्टी पर दबाव बनाये हुए थे। लेकिन भाजपा संगठन ने संघ की न मानते हुए जातिगत समीकरण के कारण वीरेंदर सिंह लंबरदार को टिकट देकर रंजोर सिंह बुंदेला की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। रंजोर सिंह बुंदेला को टिकट न मिलने से संघ और संगठन के वरिष्ठ कार्यकर्ता खासे नाराज है। जिसका खामियाजा आने वाले चुनाव में बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है।

बंडा विधानसभा की दो तहसीलों हैं में है रंजोर सिंह बुंदेला का दबदबा

बंडा विधानसभा के अंतर्गत आने वाली बंडा व शाहगढ़ तहसील में रंजोर सिंह बुंदेला का खासा दबदबा है। रंजोर सिंह के भतीजे  बंडा से जनपद उपाध्यक्ष है एवं रंजोर सिंह के बेहद करीबी शाहगढ़ से नगर परिषद अध्यक्ष है। पिछले 20 वर्षों से रंजोर सिंह बुंदेला की बदौलत शाहगढ़ में बीजेपी चुनाव जीतती आ रही है। शाहगढ़ में बुंदेला के समर्थन से उनके करीबी 12 जनपद सदस्य ने जीत हासिल की है। शाहगढ़ से एक मात्र क्षत्रिय नेता होते हुए भी सभी समाजों में पैठ के चलते रंजोर सिंह बुंदेला अजेय रहे ।

रंजोर सिंह बुंदेला को बाबा धीरेन्द्र शास्त्री का बेहद करीबी माना जाता है। साथ ही ये बागेश्वर धाम सरकार के शुरुवाती दौर से ही व्यवस्था मंडल में टॉप 10 लोंगो में सम्मिलित है।

यह सूची अंतिम नहीं ! जाने किसका कट सकता है टिकिट

जिन सीटों पर बदले जा सकते है प्रत्याशी – छतरपुर, बंडा, शाहपुरा, कुक्षी, कसरावाद, महेश्वर, चाचौड़ा, सबलगढ़, राऊ और लांजी यह वो सीटें है जहाँ विरोध भी हुआ है भीतरघात की सबसे ज्यादा आशंका है ऐसे मे भाजपा आलाकमान किसी भी स्थिति में इन सीटों को जीतना चाहती है, इसलिए जो विधायक अब विधानसभा क्षेत्रों में जाकर सर्वे करेंगे और जनता के साथ-साथ भाजपा कार्यकर्ताओ की बात सुनेंगे और उसे आलाकमान तक पहुँचाएंगे उसके आधार पर इन सीटों के प्रत्याशीयों और अन्य सीटों के प्रत्याशीयों के नामों मे बदलाव हो सकता है।

इसलिए खास है बंडा विधानसभा सीट

बंडा विधानसभा की बात करें तो यहां से छतरपुर और सागर विधानसभाओं के बीच एक पुल बनता है जो वोटर की मानसिकता को दोनों ही ओर प्रभावित करता है। वहीं यह एक अलग थलग क्षेत्र है। जहां रेल रूट नहीं है और सड़को का जाल भी व्यापक नहीं है। जंगलों से घिरे इस क्षेत्र में लोगों की आवश्यकताऐं भी मूलभूत स्तर की ही दिखाई देती हैं। यहां के बाजारों में पारंपरिक वस्तुऐं आसानी से देखने को मिल जाती हैं। जो की इस क्षेत्र की संस्कृति और परंपरागत रहन सहन को दर्शाता है।

बंडा की राजनीति में हरनामसिंह राठौर का रहा दबदबा

बंडा विधानसभा सीट से सागर के हरनाम सिंह राठौर 4 बार 1985, 1990, 1993, 1998 का चुनाव लड़े। उन्होंने 3 बार जीत दर्ज की। हालांकि 1993 के हाइप्रोफाइल चुनाव में संतोष साहू से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उनके बड़े बेटे हरवंश सिंह राठौर (सुक्कू भैया) ने 2013 में जीत दर्ज की लेकिन 2018 में तरबर सिंह लोधी से वे बड़े अंतर से चुनाव हार गये। इस बार भी वे पार्टी और क्षेत्र में सक्रिय रहे लेकिन पार्टी ने इस परिवार को टिकिट की दौड़ से बाहर कर दिया।

वर्तमान में विधायक हैं तरबर सिंह लोधी

अपने पहले चुनाव में ही तरबर लोधी पर बंडा की जनता ने जमकर विश्वास दिखाया था। 2018 में कांग्रेस को एक आम आदमी के चेहरे रूप में पांच साल पूरे होते होते क्षेत्र में एक परिपक्व नेता मिल गया है। जो कि बड़ी सभाओं में आस पास की विधानसभाओं में भी कार्यकर्ताओं के बीच जाते हैं। लेकिन भाजपा ने तरबर की काट वीरेंद्र लोधी के रूप में ढूंढ ली है। भाजपा के लोधी कार्ड की वजह से कांग्रेस किसी दूसरे जातिगत समीकरण को लेकर केंडिडेट उतारने का सोचेगी यदि ऐसा हुआ तो तरबर का टिकट कट सकता है।

चुनावी समीकरण

विधानसभा का नाम – बंडा
कुल मतदाता – 237765
पुरूष मतदाता – 127280
महिला मतदाता – 110482
जातिगत समीकरण – एससी 50 हजार, लोधी 30 हजार, ठाकुर 20 हजार, यादव 20 हजार, ब्राम्हण 10 से 15 हजार, 10 हजार जैन, 5 से 10 हजार मुस्लिम वोटर हैं।

2018 विधानसभा चुनाव

कांग्रेस – तरवर सिंह – 84456
भाजपा – हरवंश राठौर – 60292
हार-जीत का अंतर- 24164
कांग्रेस प्रत्याशी तरवार सिंह लोधी 24164 मतों से जीते

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