
कोरोना के कहर को अभी लोग भुला भी नहीं पाए हैं, कि सोशल मीडिया पर Disease X की चर्चा शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि कोरोना के बाद डिजीज एक्स बड़ी महामारी बनकर सामने आ सकती है. ये कोरोना से भी भयंकर महामारी का रूप ले सकती है. पृथ्वी पर मौजूद लाखों-करोड़ों वायरस इसका कारण बन सकते हैं. यूके वैक्सीन टास्कफोर्स के अध्यक्ष रह चुकी हेल्थ एक्सपर्ट केट बिंघम ने एक इंटरव्यू में दावा किया है कि डिजीज X स्पेनिश फ्लू (1919-1920) जितना विनाशकारी हो सकता है. बता दें कि स्पेनिश फ्लू ने लगभग 50 मिलियन यानी 5 करोड़ लोगों की जान ली थी. ऐसे में एक बार फिर से Disease X के रूप में 5 करोड़ लोगों की जान पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. आइए आपको बताते हैं डिजीज एक्स से जुड़ी जरूरी बातें.
क्या है डिजीज X
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) कुछ महीने पहले डिजीज X को लेकर अलर्ट कर चुका है. डब्ल्यूएचओ ने ही इसे डिजीज एक्स का नाम दिया है क्योंकि इस बीमारी के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है. पृथ्वी पर मौजूद लाखों-करोड़ों वायरस इसका कारण बन सकते हैं. वास्तव में डिजीज X किसी बीमारी का नाम नहीं है. ये एक ऐसा टर्म है जिसका इस्तेमाल उन बीमारी या इंफेक्शन के लिए किया जाता है, मौजूदा हालातों में जिसके बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं होती है.
Disease X वायरस, बैक्टीरिया या फंगस, किसी भी रूप में लोगों को प्रभावित कर सकती है, इसके बारे में किसी को भी आइडिया नहीं होता. दरअसल डब्ल्यूएचओ की ओर से एक ऐसी सूची तैयार की गई है, जिसमें उन संक्रामक रोगों की पहचान की गई है, जो भविष्य में महामारी का रूप ले सकते हैं. इसमें इबोला वायरस, मारबर्ग, मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, कोविड-19, जीका के अलावा Disease X का जिक्र है.
वर्ल्ड हेल्थ असेंबली की मीटिंग में WHO ने किया था अलर्ट
WHO चीफ डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने मई में जिनेवा में हुई वर्ल्ड हेल्थ असेंबली की मीटिंग में डिजीज एक्स को लेकर चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि डिजीज एक्स के रूप में एक और महामारी कभी भी आ सकती है. इससे बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो सकती है. इस महामारी का सामना करने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होकर तैयार रहना होगा.
इस किताब में है डिजीज एक्स का जिक्र
यूके वैक्सीन टास्क फोर्स की पूर्व चेयरमैन, केट बिंघम और पूर्व पत्रकार व राजनीतिक सलाहकार टिम हेम्स ने मिलकर एक किताब लिखी है जिसका नाम है ‘दी नेक्स्ट किलर: हाऊ टू स्टॉप दी नेक्स्ट पैंडेमिक बिफोर इट स्टार्ट्स’. इस किताब में एक्स डिजीज का जिक्र किया गया है. इसमें बताया गया है कि कैसे वायरस पृथ्वी पर सबसे प्रचुर और विविध जीवन रूप हैं, और उनमें से कितने मनुष्यों के लिए खतरा पैदा करते हैं. इसमें उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों ने वायरस के 25 परिवारों की पहचान की है, जिनमें से प्रत्येक में सैकड़ों या हजारों अलग-अलग वायरस हैं. इसमें से कोई भी महामारी पैदा करने के लिए जिम्मेदार हो सकता है. ये वायरस जानवरों से इंसानों में आ सकते हैं और तेजी से म्यूटेट हो सकते हैं.
क्या है चुनौती
केट बिंघम ने इंटरव्यू में कहा है कि अगर दुनिया को डिजीज एक्स के खतरे से निपटना है, तो बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान के लिए तैयार होना होगा और तय समय में खुराक देनी होगी. लेकिन चिंता की बात ये है कि Disease X के बारे में किसी को कोई अनुमान नहीं है. ऐसे में जब ये महामारी आएगी तो पहले से इसका कोई टीका या उपचार भी मौजूद नहीं होगा. ठीक ऐसा ही कोरोना के मामले में हुआ था और इलाज न मिलने के कारण दुनियाभर में तमाम लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. डब्ल्यूएचओ पहले ही एक्स डिजीज को लेकर पूरी दुनिया में भारी संख्या में मौत के खतरे को लेकर आगाह कर चुका है और इस महामारी से एकजुट होकर मुकाबला करने की बात कह चुका है.