
पटना। बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बीते दिन (2 अक्टूबर) जातीय जनगणना जारी की, जिसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख ईसाई, जैन और बौद्ध समेत सभी धर्मों और जातियों की आबादी का आंकड़ा जारी किया गया। आखिरी बार प्रदेश में जनगणना साल 2011 में हुई थी। बीती रिपोर्ट और ताजा सर्वे की रिपोर्ट से तुलना करें तो हिंदुओं की संख्या में कमी आई है। जबकि मुस्लिम आबादी में बढ़ोत्तरी देखी गई है। बिहार सरकार के आंकड़े के मुताबिक, साल 2011 की जनगणना से इस बार प्रदेश में हिंदुओं की आबादी में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है। जबकि मुस्लिमों की आबादी में इजाफा हुआ है। साल 2011 की अपेक्षा में ताजा रिपोर्ट में हिंदूओं की संख्या में 0.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। जबकि इतना ही मुस्लिमों की आबादी में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के आंकड़ों की मानें तो मुस्लिमों की संख्या में ये इजाफा करीब 12 सालों में बढ़ी है। क्या हैं 2011 और 2023 के आंकड़े? 2011 की जनगणना के मुताबिक, बिहार में हिदुओं की संख्या 82.7 फीसदी थी, जबकि 2023 में यह संख्या 81.9 फीसदी हो गई है। दोनों रिपोर्ट का अंतर 0.8 फीसदी है। जबकि, मुस्लिम आबादी की बात करे तो 2023 की रिपोर्ट में मुसलमानों की संख्या 17.7 फीसदी है, जबकि 2011 की रिपोर्ट में यह आंकड़ा 16.9 फीसदी दर्ज की गई थी। मौजूदा समय में दोनों रिपोर्ट कार्ड का अंतर निकाले तो 0.8 फीसदी का होता है।
बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए ताजा ( साल 2023) कास्ट सर्वे के आंकड़े
वर्ग फीसदी
हिंदू 81.9%
मुस्लिम 17.7%
ईसाई 0.05%
सिख 0.01%
बौद्ध 0.08%
जैन 0.009%
अन्य 0.12%
2011 की जनगणना के आंकड़े
वर्ग फीसदी
हिंदू 82.7%
मुस्लिम 16.9%
ईसाई 0.12%
सिख- 0.02%
बौद्ध 0.02%
जैन 0.02%
अन्य 0.1%
सिख, ईसाई और जैन की संख्या घटी
बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़े में हिंदू, मुस्लिम के अलावा ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और अन्य धर्मों के आकंड़े भी दिए गए हैं। मौजूदा समय में जारी किए गए आकंड़े के मुताबिक, साल 2011 के जनगणना के अनुसार इस बार बिहार में ईसाई, सिख और जैन समुदाय की जनसंख्या घटी है।
ताजा रिपोर्ट में सिखों, ईसाई और जैन लोगों की संख्या क्रमश: 0.01 फीसदी, 0.05 फीसदी और 0.009 फीसदी है। जबकि 2011 की रिपोर्ट के मुताबिक, इन तीनों धर्मों के लोगों की संख्या क्रमश: 0.02 फीसदी, 0.12 फीसदी और 0.02 फीसदी था। दोनों रिपोर्ट्स की तुलना करे तो ईसाईयों की आबादी 0.7 फीसदी, सिखों की संख्या 0.01 फीसदी और जैन समुदाय के लोगों की संख्या 0.011 फीसदी कम हुई है। इन सबके अलावा बौद्ध धर्म की आबादी में इजाफा हुआ है। साल 2011 में इनकी संख्या 0.02 फीसदी थी जबकि मौजूदा समय में 0.08 फीसदी है। वहीं अन्य धर्म के लोगों की संख्या 0.1 से बढ़कर 0.12 फीसदी हो चुका है। ये वो लोग हैं जो किसी धर्म को नहीं मानते हैं।