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आईआईटी : सफलता में भोपाल 8वें पायदान पर

नई दिल्ली/ मुंबई/भोपाल/इंदौर/जयपुर/पटना/लखनऊ। यदि माता-पिता पढ़े-लिखे (कम से कम स्नातक) हैं तो उस घर के बच्चों की इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में प्रवेश की राह अपेक्षाकृत आसान रहती है। ऐसे ही माता-पिता में से कोई शिक्षक हैं तो बच्चे के लिए आईआईटी क्रेक करना मुश्किल नहीं है। आईआईटी कानपुर ने तकरीबन 10 साल के आंकड़ों का अध्ययन कर जो रिपोर्ट तैयार की है, वो यही सब कह रही है। इसी अध्ययन के आधार पर इस संस्थान ने आईआईटी-जेईई 2021 रिपोर्ट तैयार की है। आंकड़े बताते हैं कि आईआईटी में सफलता के पायदान पर भोपाल 8वें नंबर पर है.

इसके मुताबिक चयनित बच्चों के चयन के लिए माता-पिता का पढ़ा-लिखा होना जरूरी है। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि चयनित बच्चों में देश में मप्र सातवें स्थान पर है। देश में सबसे ज्यादा बच्चे जयपुर से चयनित होते हैं। जहां तक मध्यप्रदेश का मामला है तो उसमें सबसे ऊपर भोपाल और उसके बाद इंदौर के बच्चों का नंबर है। बीते दस सालों में लड़कियों की परीक्षा में उपस्थिति दस फीसदी जरूर बढ़ी, लेकिन चयन अभी भी दस फीसदी ही है।

सफल विद्यार्थियों के प्रतिशत में राज्यों का प्रतिशत

राज्य का पायदान चयनित प्रतिशत विद्यार्थी

1. आंध्रप्रदेश 2693 20.41
2. राजस्थान 1931 14.63
3. उत्तराखंड 108 12.16
4. दिल्ली 1197 9.07
5. महाराष्ट्र 1049 7.95
6. मध्यप्रदेश 910 6.90

सर्वाधिक सफल विद्यार्थियों के टॉप टेन शहर

शहर –  चयनित बच्चे

1. जयपुर – 1458
2. हैदराबाद – 1307
3. दिल्ली – 1104
4. विजयवाड़ा – 690
5. विशाखापट्टनम – 401
6. मुंबई – 399
7. पटना – 338
8. भोपाल – 320
9. इंदौर – 283
10. कानपुर – 276

पहले प्रयास में निकलते हैं 80 फीसदी बच्चे

आईआईटी-जेईई की बीते दस सालों की रिपोर्ट बताती है कि साल 2011 से 2017 तक पहले प्रयास में आईआईटी पास करने वाले बच्चों का प्रतिशत 65 से 70 के बीच होता था, लेकिन साल 2018 से 2022 के बीच यह प्रतिशत 80 हो गया है। दूसरे प्रयास में करीब 20 फीसदी बच्चे सफल होते हैं।

दस सालों में बढ़ी लड़कियों की उपस्थिति वर्ष लड़कों लड़कियों का प्रतिशत का प्रतिशत

2011 86.7 13.3

2012 85.2 14.8

2013 81.7 18.4

2015 77.5 22.5

2018 75.7 24.3

2020 74.3 25.7

2021 75.2 24.8

2022 76.6 23.4

लेकिन अंतिम चयन में लड़कियां दस फीसदी पर हीलड़कियां परीक्षा में भले ही अधिक बैठ रही हैं, लेकिन अंतिम चयन के मामले में भी स्थिति दस फीसदी पर ही है। हालांकि बीते दस सालों में यह प्रतिशत करीब दोगुना हुआ है।

पायदान आईआईटी चयनित लड़कियों का प्रतिशत

1.  हैदराबाद 15.94
2.  मद्रास 15.33
3 इंदौर 13.56
4. दिल्ली 12.83
5. खडग़पुर 10.40

ओवरऑल सभी आईआईटी में 9.97 प्रतिशत लड़कियां हैं।
(साल 2021 में इंदौर आईआईटी में कुल 118 प्रवेश हुए, इसमें लड़कियों की संख्या 16 व लड़कों की 102 थी)

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