
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो द्वारा खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर मढ़ने के बाद मचे हंगामें के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार भारत को मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल हो सकता है।
इस बात की आशंका जताई जा रही है कि भारत और कनाडा के बीच संबंधों को तनावपूर्ण बनाने के लिए पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने इस घटना को अंजाम दिया है।सूत्रों ने यह भी कहा कि आईएसआई ने निज्जर को मारने के लिए भाड़े के अपराधियों को काम पर रखा था। यह भी जानकारी मिल रही है कि निज्जर पर ISI इस बात का दबाव बना रही थी कि पिछले 2 सालों में कनाडा में जो गैंगस्टर आए हैं वह उनको पूरी तरीके से सहयोग करे।
सूत्रों के मुताबिक निज्जर ड्रग और हथियारों की तस्करी से आए धन को आईएसआई को नहीं देना चाहता था। यह भी कहा जा रहा है कि निज्जर का झुकाव पाकिस्तान के पुराने नेताओं के प्रति था। इसलिए आईएसआई के प्रति उसकी वफादारी कम हो गई थी। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि जब निज्जर ने ISI की यह बात नहीं मानी तो पाकिस्तान की ओर से यह डबल क्रॉस साजिश रची गई।
सूत्रों के मुताबिक आईएसआई की मदद से ही खालिस्तानी आतंकी गैंगस्टरों के साथ मिलकर पंजाब में ड्रग्स तस्करी का बड़ा नेटवर्क चला रहे हैं। इससे हुई कमाई का बड़ा हिस्सा खालिस्तानी आतंकी और आईएसआई तक पहुंचता था, लेकिन पिछले कुछ समय से निज़्ज़र की वजह से आईएसआई की पकड़ इस नेटवर्क पर ढीली पड़ रही थी। ऐसे में निज्जर को ठिकाने लगा दिया गया। आपको बता दें कि कनाडा में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून को गोलीबारी में मौत हो गई थी। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इसके पीछे भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया था। हालांकि, भारत ने आरोपों को खारिज कर दिया, उन्हें “बेतुका” और “प्रेरित” बताया था। इसके बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। निज्जर भारत की ओर से घोषित आतंकवादी था।