
रूशलम: भारत-मीडिल ईस्ट और यूरोप कॉरिडोर (आईएमईसी) पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने इस कॉरिडोर को इजरायल के लोगों के लिए एक बड़ी घटना करार दिया है। साथ ही कहा है कि यह कॉरिडोर उनके इतिहास की सबसे बड़ी ऐसी परियोजना होने वाला है जो आपसी सहयोग से आगे बढ़ेगा। उनकी मानें तो यह आर्थिक गलियारा न केवल मिडिल ईस्ट बल्कि पूरी दुनिया को बदलने वाला साबित होगा। इस कॉरिडोर को चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) का जवाब माना जा रहा है। चीन के बीआरआई को छोटे देशों को कर्ज जाल में फंसाने का दोषी बताया जाता है।
नेतन्याहू ने किया परियोजना का स्वागत
नेतन्याहू ने शनिवार देर रात एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘इजरायल एक अभूतपूर्व विश्वव्यापी परियोजना का केंद्र बनने जा रहा है जो बुनियादी ढांचे को एशिया से यूरोप तक जोड़ेगा। मैं अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, यूएई और यूरोपियन यूनियन के साथ-साथ फ्रांस, इटली और जर्मनी की तरफ से जारी किए गए बयान का स्वागत करता हूं।’ नेतन्याहू का यह बयान तब आया है जब हजारों इजरायली सरकार के प्रस्तावित न्यायिक सुधार के खिलाफ प्रदर्शन में लगे हुए हैं। नेतन्याहू की मानें तो यह प्रोजेक्ट मध्य पूर्व और इजरायल का चेहरा ही बदल देगा और साथ ही पूरी दुनिया पर प्रभाव डालेगा।
बीआरआई का होगा जवाब
उन्होंने इस तरफ ध्यान दिलाया कि यह गलियारा भारत से शुरू होकर यूरोप तक पहुंचेगा लेकिन उससे पहले यूएई, सऊदी अरब, जॉर्डन और इजरायल से होकर गुजरेगा। इस आर्थिक गलियारे को बीआरआई के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। बीआरआई चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है। हालांकि इसे कर्ज नीति की वजह से काफी विवादित भी करार दिया जाता है। साल 2013 में जिनपिंग ने चीन को जमीन और समुद्री नेटवर्क के जरिए दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप से जोड़ने के लिए बीआरआई को लॉन्च किया था।
आईएमईसी की घोषणा इजरायल और सऊदी अरब के बीच मेल-मिलाप की खबरों के बीच ही आई है। दोनों देशों के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं। लेकिन इसके बाद भी सऊदी अरब ने हाल ही में इजरायल की एयरलाइंस को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति दी थी। इसे इजरायल के प्रति उसके नरम रुख का प्रदर्शन माना गया था।
खुलेंगे नए दरवाजे
नेतन्याहू ने कहा, ‘हमारी रेलवे और बंदरगाह भारत से, मध्य पूर्व के माध्यम से, यूरोप तक और वापस यूरोप से जॉर्डन के जरिए सऊदी अरब, यूएई और भारत तक एक नया प्रवेश द्वार खोलेंगे। ‘ नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को भी इस कॉरिडोर के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन की वजह से ही यह ऐतिहासिक ऐलान संभव हो सका। उन्होंने बताया कि कई महीने पहले अमेरिका ने इस ऐतिहासिक अवसर के लिए इजरायल से संपर्क किया था। तब से लेकर ऐलान होने तक अमेरिका ने इजरायल से राजनयिक संपर्क बनाए रखे।