
इजरायल की एक जासूसी फर्म ‘टीम जॉर्ज’ पर दुनिया के 30 से अधिक देशों के चुनाव में दखल देने का आरोप लगा है. पत्रकारों के एक कंसोर्शियम की जांच में यह खुलासा हुआ है कि टीम जॉर्ज ने अपने क्लाइंट्स को एडवांस्ड इम्पैक्ट मीडिया सॉल्यूशन नाम का सॉफ्टवेयर मुहैया कराता है. इसके जरिए इन देशों में फर्जी सोशल मीडिया कैंपेन शुरू किया जाता है.
द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, आठ महीने की जांच में इजरायल की इस वैश्विक दुष्प्रचार यूनिट टीम जॉर्ज का पता चला, जिसने कई देशों में सीधे तर पर चुनावों में दखल दी है. यह जांच पेरिस के एक नॉन प्रॉफिट संगठन फॉरबिडन स्टोरीज से जुड़े पत्रकारों के कंसोर्शियम ने की.
टीम जॉर्ज के अधिकारियों ने यह कबूल किया है कि उन्होंने हैकिंग के जरिए दुनियाभर के 30 देशों के चुनावों में हस्तक्षेप किया है. हैकिंग,साइबर जासूसी, फेक न्यूज और ट्रॉल आर्मीज के बूते चुनावों को प्रभावित किया गया.
यह साफ है कि टीम जॉर्ज और कैम्ब्रिज एनालिटाक ने नाइजीरिया के चुनावों में हस्तक्षेप किया. हालांकि, अभी तक गार्डियन की रिपोर्ट में भारत में टीम जॉर्ज और कैम्ब्रिज एनालिटिका की दखल के ब्योरे की सटीक जानकारी नहीं दी गई है. हालांकि, द गार्डियन की ओर से पब्लिश किए गए वीडियो से पता चला है कि भारत उन देशों में शामिल है, जहां टीम जॉर्ज के साइबर टूल्स का इस्तेमाल किया गया.
विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को उठाया. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए टीम जॉर्ज और बीजेपी की आईटी सेल की मोडस ऑपरेन्डी की तुलना की.
न्होंने कहा कि हम यह पूछना चाहेंगे कि क्या सरकार इस मामले में जांच करना चाहेगी. क्या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच होगी. उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियां भारत में चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है.
बता दें कि यह रिपोर्ट साफतौर पर बताती है कि किस तरह ताकतवर लोग जानबूझकर फेक न्यूज फैला रहे हैं और बहुत ही सुविधाजनक तरीके से इंटरनेट से सच को हटाया जा रहा है और यह काम वे लोग कर रहे हैं, जिनके पास पैसा है.
क्या है ‘टीम जॉर्ज’?
इजरायल की इस स्पाई फर्म का नाम टीम जॉर्ज है, जिसमें 50 साल के ताल हनान की अगुवाई में कई खुफिया हैकिंग एक्सपर्ट हैं. हनान इजरायली सेना की स्पेशल फोर्स के पूर्व ऑपरेटिव थे जो जॉर्ज नाम से हैकिंग, फेक न्यूज और साइबर जासूसी के काम को अंजाम देते हैं. उनका काम मुख्य तौर पर देशों के चुनाव को प्रभावित करना है. वह इजरायली सेना की स्पेशल फोर्स में सेवाएं देने के बाद बीते दो दशकों से ताल हनान ग्लोबल सिक्योरिटी, डिफेंस, खुफिया जानकारी वैश्विक सुरक्षा, रक्षा और खुफिया कामों में लगे हुए हैं.
बता दें कि बीते साल कई महीनों में सॉफ्टवेयर के जरिए इंटरनेट पर नजर रखी गई थी और फेक सोशल मीडिया कैंपेन के पीछे उसका हाथ था, जिसमें यूके, यूएस, कनाडा, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, मैक्सिको, भारत, यूएई समेत 20 देशों के ज्यादातर व्यावसायिक विवाद शामिल थे. ‘टीम जॉर्ज’ की जांच करने वाले पत्रकारों के संघ में ले मोंडे, डेर स्पीगेल और एल पैस समेत दुनिया के 30 बड़े पत्रकार शामिल थे.