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आचार संहिता में उलझी तबादले के बाद ज्वाइनिंग:प्रदेश भर में हजारों मामले, काउंसिलिंग के बाद दूसरे जिलों में जॉइन करने पहुंचे टीचर हो रहे परेशान

भोपाल। प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा स्थानांतरित किए गए अधिकारियों कर्मचारियों के समक्ष नए दफ्तर में जॉइनिंग का संकट खड़ा हो गया है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी अधिकारी, कर्मचारी की रिलीविंग और जॉइनिंग आयोग की अनुमति की बगैर नहीं होगी। इसके विपरीत शासन विभिन्न विभागों के द्वारा स्थानांतरित किए गए अफसरों को रिलीव करने का काम तेजी से जारी है। ऐसे में‌ प्रदेश भर में हजारों ऐसे कर्मचारी हैं जो तबादले के बाद जॉइनिंग को लेकर परेशान हैं। आचार संहिता लागू होने के पहले प्रदेश में एमएसएमई, स्कूल शिक्षा, पंचायत और ग्रामीण विकास के अंतर्गत ग्रामीण आजीविका मिशन, जल संसाधन, पीडब्ल्यूडी, राजस्व, सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों के द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों के ताबड़तोड़ तबादले किए गए हैं। जिलों से मिली जानकारी के अनुसार 5 से 9 अक्टूबर की अवधि में किए गए इन तबादलों के बाद नई पदस्थापना स्थल पर जॉइनिंग के लिए कई अधिकारी 9 अक्टूबर के बाद पहुंचे हैं। ऐसे में चूंकि 9 अक्टूबर को चुनाव आचार सिंह का लागू हो गई तो कलेक्टरों ने अधीनस्थ विभागों के जिला अधिकारियों से साफ तौर पर किसी भी अधिकारी कर्मचारी को ज्वाइन कराने से मना कर दिया। इसका असर यह हुआ है कि जो कर्मचारी अधिकारी नए पदस्थापना स्थल के लिए रिलीव हो गए थे, वह बीच में फंस गए हैं। पुराने दफ्तर से वे रिलीव हो चुके हैं और नए दफ्तर में ज्वाइन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में जिलों में ट्रांसफर हुए कर्मचारी अधिकारी आवेदन लेकर घूम रहे हैं।

सबसे अधिक मामले स्कूल शिक्षा विभाग के

आचार संहिता लागू होने के पहले स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के कई संभागों और जिलों में अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों की 12 साल की सेवा अवधि पूर्ण होने के बाद क्रमोन्नति देने और नवीन पदस्थापना को लेकर काउंसलिंग कराई गई‌ है। इस काउंसलिंग के दौरान शिक्षकों द्वारा जो नवीन कार्य स्थल चुने गए हैं उसके आदेश भी विभाग के अफसरों द्वारा काउंसलिंग के 48 घंटे के भीतर जारी कर दिए गए। इसका असर यह हुआ है कि शिक्षकों की बड़ी संख्या में पोस्टिंग दूसरे जिलों में हुई और वे दूसरे जिले में ज्वाइन करने पहुंचे तो आचार संहिता लगने के चलते उन्हें ज्वाइन नहीं कराया गया है।

आयोग का स्पष्ट मत कलेक्टर परमिशन बगैर नहीं करेंगे जॉइन

चुनाव आयोग ने आचार संहिता लागू होने के साथ ही यह स्पष्ट कर दिया है कि आचार संहिता प्रभावी होने के बाद कोई भी कलेक्टर चुनाव आयोग की अनुमति के बिना अधिकारी कर्मचारी को ज्वाइन और रिलीव नहीं कराएगा।‌ अगर ऐसी स्थिति बनती है तो इसके लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा, जहां से अनुमति मिलने के बाद ही स्थानांतरित हुए कर्मचारी अधिकारी ज्वाइन कर सकेंगे।

कई जिलों में स्कूल शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में सर्वाधिक

चुनाव कार्य के लिए कई जिलों में सबसे अधिक स्टाफ स्कूल शिक्षा विभाग से तैनात किया गया है। इसमें अध्यापक और शिक्षक संवर्ग के कर्मचारी शामिल हैं। अध्यापकों की काउंसलिंग के बाद उनकी नई पोस्टिंग करने की जानकारी सामने आने के बाद कई कलेक्टरों ने जिला शिक्षा अधिकारियों को शिक्षकों को रिलीव करने से भी रोका है ताकि शिक्षकों के दूसरे जिलों में जाने से उनके जिले में‌ मतदान का कार्य प्रभावित न होने पाए। गौरतलब है कि जिलों में मतदान को लेकर प्रथम और द्वितीय चरण की प्रशिक्षण प्रक्रिया भी पूरी कराई जा चुकी है।

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