
नॉर्थ कोरिया ने अपनी अब तक की सबसे पावरफुल मिसाइल को टेस्ट किया है। सॉलिड फ्यूल वाली इंटर कॉन्टिनेंटल मिसाइल के सफल परीक्षण को वहां के स्टेट मीडिया में चमत्कारी बताया जा रहा है।
मिसाइल टेस्टिंग का कितना असर हुआ इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके परीक्षण के दौरान जापान के उत्तरी इलाके से लोगों को निकाला जाने लगा। वहीं, जापान के होकाएडो में स्कूल देरी से शुरू किए गए, कुछ ट्रेनों के समय में भी बदलाव किया गया।
तेजी से हमला करने में माहिर होगी नई मिसाइल हवासोंग-18
इस मिसाइल परीक्षण के दौरान नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किमजोंग उन अपनी बेटी, पत्नी के साथ मौजूद रहे। नॉर्थ कोरिया ने अपनी अब तक की सबसे पावर फुल मिसाइल को हवासोंग-18 नाम दिया है। टेस्टिंग के दौरान इसने 1000 किलोमीटर तक की उड़ान भरी। मिसाइल में लिक्विड यानी तरल ईंधन की बजाय सॉलिड फ्यूल का इस्तेमाल किया गया था। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक सॉलिड फ्यूल पर चलने वाली मिसाइलें ज्यादा सुरक्षित होती हैं। इन्हें तेजी से तैनात किया जा सकता है।
दरअसल, लिक्विड फ्यूल वाली मिसाइलों में लॉन्च से ठीक पहले ही ईंधन भरना पड़ता है जिसमें काफी घंटे लगते हैं। वहीं, सॉलिड फ्यूल वाली मिसाइलों को तेजी से फायर किया जा सकता है, जिससे उन्हें इंटरसेप्ट करना यानी उन्हें डिटेक्ट कर रोकना मुश्किल होता है। मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने कहा कि इससे हमारे दुश्मनों में डर पैदा होगा। ये मिसाइल टेस्टिंग नॉर्थ कोरिया के तानाशाह ने अपने दादा किम इल सुंग के जन्मदिन से दो दिन पहले किया है।
जापान, साउथ कोरिया और अमेरिका ने मिसाइल परीक्षण को भड़काऊ बताया
नॉर्थ कोरिया इस साल अब तक 27 मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है। जिस पर साउथ कोरिया, जापान और अमेरिका लगातार आपत्ति जाहिर करते रहे हैं। गुरुवार को एक बार फिर तीनों देशों ने नॉर्थ कोरिया के मिसाइल परीक्षण को भड़काऊ हरकत बताया है।
जापान के विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसी हरकतें लगातार उनके देश के लिए खतरा पैदा कर रही हैं। वहीं, अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता ने कहा कि नॉर्थ कोरिया की ये हरकतें बेवजह इलाके में टेंशन बढ़ाने का काम कर रही हैं।
अब मैप में नॉर्थ कोरिया और जापान की लोकेशन को देखें…

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नॉर्थ कोरिया ने टेस्ट किया अंडर-वॉटर न्यूक्लियर ड्रोन:लॉन्च से पहले 59 घंटे पानी में रखा, इससे लाई जा सकती है ‘रेडियोएक्टिव सुनामी’

नॉर्थ कोरिया ने मिसाइलों के बाद अब अंडर वॉटर न्यूक्लियर ड्रोन का सफल परीक्षण किया है। इसकी जानकारी शुक्रवार को वहां की न्यूज एजेंसी KCNA ने दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक नॉर्थ कोरिया की मिलिट्री ने एक ऐसा न्यूक्लियर ड्रोन तैयार किया है जो रेडियो एक्टिव सुनामी लाने के साथ-साथ दूसरे देशों के पोर्ट्स, यानी बंदरगाहों को आसानी से तबाह कर सकता है।
21 से 23 मार्च के बीच हुई न्यूक्लियर ड्रोन की टेस्टिंग को खुद नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने मॉनिटर किया। न्यूक्लियर ड्रोन को फायर करने से पहले उसे साउथ हमयोंग प्रोविंस के पास समुद्र में 260 से 490 फीट नीचे 59 घंटे और 12 मिनट तक रखा गया था।