
नई दिल्ली. विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की समन्वय समिति ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जल्द सीट शेयरिंग की प्रक्रिया की शुरुआत का फैसला तो ले लिया है, लेकिन कुछ राज्यों में इसे आसान माना जा रहा है, तो कई राज्यों में गठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों का तालमेल आसान नहीं है. ‘इंडिया’ की समन्वय और चुनाव रणनीति समिति ने जल्द सीटों के तालमेल पर मुहर तो लगा दी है, लेकिन कुछ राज्यों में विपक्ष के दलों के बीच तालमेल को खुद गठबंधन के दल चुनौतीपूर्ण मानते हैं. सूत्रों के मुताबिक बिहार, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में ‘इंडिया’ के दलों में कोई ज्यादा मुश्किल नहीं आएगी, लेकिन पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और यूपी में सीटों के तालमेल को अंजाम देना आसान नहीं.
पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और सीपीएम के बीच और हरियाणा एवं गुजरात में भी ‘इंडिया’ के दलों के बीच सीटों का पेंच फंसेगा. हालांकि, गठबंधन के नेताओं का मानना है कि मुश्किल होगी, लेकिन हल आसानी से निकल जाएगा. राजद के सांसद मनोज झा ने कहा, “अगर चुनौती ना होती, तो हम एक दल ना होते, हम अलग-अलग दल हैं. चुनौतियां हैं, लेकिन संकल्प है इन चुनौतियों से निकलने का. सीट शेयरिंग किसी एक राजनीतिक दल में भी आसान नहीं होती. बीजेपी की हालत खराब है मध्यप्रदेश में. सब कुछ अच्छा होगा ‘इंडिया’ में.”
अक्टूबर के अंत तक सीट शेयरिंग पर फैसला हो जाएगा
दरअसल, ‘इंडिया’ के संबंध में समिति की पहली बैठक दिल्ली में 13 सितंबर को हुई थी, जिसमें सभी राज्यों में जल्द से जल्द सीट शेयरिंग का फैसला हुआ. सूत्रों ने बताया कि अक्टूबर महीने के अंत तक सीट शेयरिंग को तय कर लिया जाएगा. अक्तूबर महीने के अंत तक ‘इंडिया’ गठबंधन के दलों के बीच में सीटों का बंटवारा होना है. ऐसे में कुछ एक राज्यों में कोई खास दिक्कत तो नहीं आएगी, लेकिन कई राज्यों में चुनौती बहुत है.
एनडीए का मुकाबला करने के लिए ‘इंडिया’ का गठन
अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का मुकाबला करने के लिए दो दर्जन से अधिक विपक्षी दलों ने ‘इंडिया’ का गठन किया है. ‘इंडिया’ के घटक दलों के नेताओं की पिछले दिनों मुंबई में हुई बैठक में गठबंधन के भविष्य के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने के लिए 14 सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया गया था. समन्वय समिति विपक्षी गठबंधन की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था के रूप में कार्य करेगी.
एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगी पार्टियां
इसी साल जून में पटना में विपक्षी गुट की पहली बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्येक सीट से सबसे मजबूत उम्मीदवार को चुना जाएगा. मुंबई में हुई विपक्षी गठबंधन की तीसरी बैठक के बाद एक सितंबर को जारी प्रस्ताव में कहा गया था कि पार्टियां ‘जहां तक संभव होगा’ वहां तक एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगी और विभिन्न राज्यों में सीटों के बंटवारे का काम तत्काल शुरू होगा और जल्द से जल्द संपन्न होगा.
विपक्षी नेताओं के अनुसार, जहां महाराष्ट्र, तमिलनाडु और बिहार जैसे राज्यों में सीटों के समन्वय के मुद्दे को सुलझा लिया गया है, वहीं दिल्ली, पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों में सीटों का तालमेल एक बड़ी चुनौती है.