
‘यह हमारे देश और हमारे लोगों की पीठ में छुरा घोंपने जैसा है। यह बिल्कुल वही झटका है जो 1917 में रूस को लगा था जब देश ने प्रथम विश्व युद्ध लड़ा था। रूसी प्राइवेट आर्मी वैगनर के प्रमुख प्रिगोजिन गद्दार हैं। जिन्होंने सशस्त्र विद्रोह का रास्ता चुना है, उन्हें कड़ी सजा भुगतनी होगी।’- व्लादिमिर पुतिन
रूस में शनिवार को तख्तापलट की साजिश के बीच राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने ये रिकॉर्डेड बयान जारी किया गया। इसके कुछ घंटे बाद ही पुतिन के प्रेस सेक्रेटरी कहते हैं कि प्रिगोजिन पर कोई केस नहीं चलेगा।
वैगनर आर्मी के विद्रोह के बाद से पुतिन अब तक सार्वजनिक रूप से कहीं दिखाई नहीं दिए हैं। मंगलवार को एक बार फिर से पुतिन का रिकॉर्डेड बयान जारी किया गया। साथ अभी भी वह कहां है इसे लेकर कुछ नहीं बताया गया है।
भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे कि इस बगावत के बाद कहां गायब हैं पुतिन और क्या ये रूस में उनके पतन की शुरुआत है?
सबसे पहले रूस में वैगनर ग्रुप की बगावत को 5 पॉइंट में जानिए…
1. रूस की प्राइवेट आर्मी के चीफ प्रिगोजिन शुक्रवार सुबह 11 बजे सोशल मीडिया पर कई पोस्ट के जरिए यूक्रेन में युद्ध के औचित्य पर सवाल उठाते हैं। साथ ही उन्होंने रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु पर यूक्रेन में वैगनर लड़ाकों पर मिसाइल हमले का आदेश देने का आरोप लगाया।
रात 9 बजे के आसपास पोस्ट की गई एक वॉयस रिकॉर्डिंग में उन्होंने कहा कि देश के सैन्य नेतृत्व द्वारा पैदा की गई बुराई को रोका जाना चाहिए।
2. शुक्रवार की आधी रात रूस की सुरक्षा एजेंसियों ने प्रिगोजिन के बयान की निंदा की। रूस की मुख्य खुफिया एजेंसी फेडरल सिक्योरिटी सर्विस ने सशस्त्र विद्रोह के लिए प्रिगोजिन के खिलाफ जांच शुरू की और गिरफ्तारी का आदेश दिया।
सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में सैन्य और राष्ट्रीय गार्ड के बख्तरबंद वाहनों को मॉस्को और रोस्तोव-ऑन-डॉन में तैनात होते हुए दिखाया गया है। प्रिगोजिन ने कहा कि उनके लड़ाके आ रहे हैं।
3. शनिवार सुबह 7:30 बजे वैगनर लड़ाकों ने रोस्तोव शहर और मिलिट्री हेडक्वार्टर पर कब्जा कर लिया। प्रिगोजिन ने एक वीडियो पोस्ट में इसका दावा किया। इसमें वैगनर के लड़ाके प्रमुख चौराहों पर यातायात को नियंत्रित करते हुए और शहर में घूमते हुए दिख रहे थे।
इसके बाद वैगनर लड़ाकों और बख्तरबंद वाहनों का काफिला मॉस्को की तरफ कूच करता दिखाई दिया। वह रूस के वोरोनिश क्षेत्र को भी पार कर गया। काफिले ने रास्ते में कई रूसी सैन्य विमानों को मार गिराया।
4. शनिवार सुबह 10 बजे राष्ट्रपति पुतिन देश को संबोधित करते हैं। इसमें वह प्रिगोजिन को गद्दार बताते हुए सख्त कार्रवाई की बात करते हैं। इसके बाद वैगनर लड़ाकों का काफिला मॉस्को से लगभग 400 किमी पहले लिपेत्स्क में रुक गया।
5. शनिवार रात 8:30 बजे खबर आती है कि बेलारूस के राष्ट्रपति और प्रिगोजिन के बीच एक डील हुई है। इसके तहत प्रिगोजिन ने मॉस्को कूच रोक दिया।
इसके बाद प्रिगोजिन एक ऑडियो मैसेज में कहते हैं कि उनकी सेनाएं मॉस्को से 200 किमी पास पहुंच गई थीं और अब लड़ाके अपने ट्रेनिंग कैंप में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
इसके बाद वैगनर लड़ाके रोस्तोव शहर छोड़ देते हैं और प्रिगोजिन भी भारी सुरक्षा वाली काली SUV से शहर के बाहर जाते नजर आते हैं।
23 साल में सबसे बड़ा संकट, लेकिन रूसी राष्ट्रपति पुतिन का पता नहीं
रूस में शनिवार को प्राइवेट आर्मी वैगनर के मॉस्को कूच करने के बाद राष्ट्रपति पुतिन ने देश को संबोधित किया। उन्होंने वैगनर चीफ प्रिगोजिन पर धोखा देने का आरोप लगाया। हालांकि 23 साल के शासन की सबसे बड़ी चुनौती के दो दिन बीत जाने के बाद भी पुतिन अब तक नहीं दिखे थे।
इसके बाद रूस की सरकारी मीडिया TASS ने पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के हवाले से बताया कि उनके बॉस शनिवार को संकट के समय क्रेमलिन में काम कर रहे थे।
वहीं ट्विटर पर कुछ लोगों ने फ्लाइट रडार प्लेन ट्रैकिंग के हवाले से बताया कि राष्ट्रपति पुतिन का विमान जिसका आइडेंटिफिकेशन नंबर Il96-300PU है ने मॉस्को से शनिवार दोपहर 2.16 बजे उड़ान भरी। हालांकि इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि पुतिन कहां गए या वह विमान में थे भी या नहीं।
BBC ने बताया कि पुतिन के विमान को रडार पर सेंट पीटर्सबर्ग के लिए उड़ान भरते हुए ट्रैक किया गया था, लेकिन टवर शहर के पास वह गायब हो गया।
दो दिन बाद मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने दूसरी बार देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने फिर से वैगनर लड़ाकों को रूसी सेना में शामिल होने या घर लौट जाने के लिए कहा।
रूस से जुड़े एनालिस्ट पावेल फेलगेनहाउर ने पुतिन के देश के नाम दूसरे संबोधन को जनता के लिए विजयी स्पीच जैसा बताया। उन्होंने कहा कि लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि समस्याएं खत्म हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अभी वास्तव में कुछ ठीक नहीं हैं क्योंकि पुतिन ने वैगनर लड़ाकों को रूसी सेना में शामिल होने के लिए कहा था।
हालांकि वैगनर लड़ाके ऐसा नहीं कर रहे हैं। वे अभी भी अपने हथियारों के साथ हैं और अच्छी तरह से संगठित हैं। वे इस समय जमीन लड़ाई लड़ने वाले सबसे अच्छे लड़ाकों में से एक हैं। उनका अगला कदम क्या होगा ये साफ नहीं है? फिलहाल उन्हें इस वक्त सबसे ज्यादा खतरा महसूस हो रहा है, लेकिन वे गायब नहीं हुए।
इनफ्लुएंशियल मिलिट्री ब्लॉगर यूरी कोटेनोक लिखते हैं कि जब वैगनर के सशस्त्र लड़ाके मॉस्को की तरफ कूच कर रहे थे तो रक्षा मंत्री कहां पर थे? उन्होंने सवाल किया कि क्या कोई विदेशी दुश्मन इतनी आसानी से राजधानी पर हमला कर सकता है?
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को कहा कि प्रिगोजिन के विद्रोह ने दिखा दिया कि पुतिन की सत्ता पर पकड़ कितनी कमजोर है। ब्लिंकन ने CBS के ‘फेस द नेशन’ कार्यक्रम में कहा कि यह पुतिन की अथॉरिटी को खुला चैलेंज था।
क्रेमलिन से संबंध रखने वाले मॉस्को अखबार नेजाविसिमया गजेटा के एडिटर कॉन्स्टेंटिन रेमचुकोव ने न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में कहा कि अब तक जो असंभव लग रहा था वो अब संभव है।
पुतिन के करीबी लोग उन्हें मार्च 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में खड़े नहीं होने के लिए मनाने की कोशिश कर सकते हैं। शनिवार की घटना ने पुतिन की रूसी रईसों के पैसे और सुरक्षा गारंटर के रूप में छवि को खो दिया है। एक महीने पहले ऐसा कुछ नहीं था।
इस बगावत से पुतिन की छवि को कितना नुकसान
प्राइवेट आर्मी चीफ प्रिगोजिन की बगावत के बाद शनिवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने देश के नाम संबोधन में कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। जैसे उन्होंने विद्रोह को एक गंभीर अपराध, देशद्रोह, ब्लैकमेल और आतंकवाद बताया। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद डील होती है और रूस सरकार ने कहा कि प्रिगोजिन पर से सारे आरोप हटा लिए गए हैं।
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पहले गद्दारी करने का आरोप लगाना और फिर आपराधिक मामले हटाकर अपने कदम पीछे हटा लेना, ये पुतिन की शख्सियत का हिस्सा नहीं लगता।
कॉन्स्टेंटिन रेमचुकोव कहते हैं कि इस घटना के बाद निश्चित रूप से पुतिन कमजोर दिखते हैं। आप यह नहीं कर सकते कि पहले आप घोषणा करें कि ये लोग अपराधी हैं और फिर उसी दिन अपने प्रेस सचिव को असहमत होने दें और कहें कि नहीं, उन लोगों ने कोई आपराधिक काम नहीं किया है।
रूस के पूर्व वित्तमंत्री आंद्रेई नेचैव भी रेमचुकोव जैसी ही राय रखते हैं। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में नेचैव तर्क देते हैं कि कानून ने अपनी सारी पावर खो दी है। यहां तक कि गंभीर अपराधों को भी राजनीतिक लाभ के लिए दंडित नहीं किया जाएगा।
सुबह आपको देशद्रोही घोषित किया जा सकता है। शाम को आपको माफ कर दिया जाता है और आपके खिलाफ आपराधिक मामला खत्म हो जाता है। देश स्पष्ट रूप से बड़े बदलाव की दहलीज पर है।
वह कहते हैं कि बड़ा बदलाव? साहसिक भविष्यवाणी। लेकिन अगर बदलाव हो रहा है, तो क्या वैगनर विद्रोह इसकी वजह हो सकता है? हो सकता है कि कोई समझौता हो गया हो और विद्रोह बंद हो गया हो।
हालांकि तथ्य यह है कि पुतिन के सामने इस तरह का विद्रोह हुआ जो कि राष्ट्रपति के लिए शर्मनाक है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि राष्ट्रपति पुतिन रूसी सेना के कमांडर-इन-चीफ भी हैं।
पॉलिटिकल एनालिसिस फर्म आर पॉलिटिके के फाउंडर तातियाना स्टैनोवाया ने लिखा- पुतिन और रूस को एक गंभीर झटका लगा है। उन्होंने भविष्यवाणी की कि इसका शासन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
बेलारूस के पूर्व राजनयिक और यूरोपीय काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस एनालिस्ट पावेल स्लंकिन कहते हैं कि पुतिन हार गए हैं क्योंकि उन्होंने दिखाया कि उनका सिस्टम कितना कमजोर है। उन्हें बड़ी आसानी से चुनौती दी जा सकती है।
प्रिगोजिन ने चुनौती दी, बहुत ही बोल्ड तरीके से विद्रोह किया और फिर वह हारे हुए व्यक्ति की तरह पीछे हट गए। यहां पर सिर्फ बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको सफल साबित हुए।
वह कहते हैं कि विद्रोह भले ही खत्म हो गया, लेकिन इसने रूस की वैश्विक स्थिति को प्रभावित किया है। इसकी वजह से चीन जैसे साझेदार पुतिन की अथॉरिटी और स्ट्रेंथ का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं।
प्राइवेट आर्मी चीफ प्रिगोजिन ने बेलारूस पहुंचने की बात थी, लेकिन अब तक नहीं पहुंचे
पुतिन के दोस्त और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकशैंको की मध्यस्थता के बाद वैगनर चीफ प्रिगोजिन ने शनिवार को मॉस्को मार्च टाल दिया था। इस डील के तहत प्रिगोजिन ने अपने 25 हजार लड़ाकों को वापस यूक्रेन भेज दिया। वहीं रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि प्रिगोजिन से देशद्रोह का आरोप वापस ले लिया गया है और वे पड़ोसी देश बेलारूस चले जाएंगे।
इसके बाद प्रिगोजिन ने कहा था कि वह देशभक्त हैं। रूसी लोगों के रक्तपात को रोकने के लिए पीछे हटने का फैसला किया है। आखिरी बार प्रिगोजिन को रोस्तोव ऑन डॉन शहर स्थित मिलिट्री हेडक्वार्टर से निकलते देखा गया था। इसके बाद प्रिगोजिन कहां हैं, कोई नहीं जानता।
हालांकि वैगनर चीफ ने दो दिन बाद सोमवार रात को टेलीग्राम पर 11 मिनट का एक ऑडियो मैसेज जारी किया। इसमें प्रिगोजिन ने कहा है कि जब उन्होंने मॉस्को की तरफ मार्च का ऐलान किया था, तो उनका निशाना रूसी राष्ट्रपति पुतिन नहीं थे। उन्होंने कहा कि मार्च का मकसद वैगनर को बर्बाद होने से बचाना और उन लोगों की जवाबदेही तय करना था जिनके उठाए गए गैर-जिम्मेदाराना कदम से कई गलतियां हुईं। हालांकि इसमें यह नहीं बताया गया है कि वह कहां पर हैं। पहले ये बताया गया था कि डील के तहत प्रिगोजिन बेलारूस जाने के लिए तैयार हो गए थे।
बेलारूस की जर्नलिस्ट और रिर्सचर हान्ना ल्यूबाकोवा कहती हैं कि प्रिगोजिन और लूकाशेंको के बीच हुई डील ये बताती है कि लूकाशेंको पुतिन के हाथों की कठपुतली हैं। वह कहती हैं कि लूकाशेंको के हाथों में इतनी ताकत नहीं है कि वो प्रिगोजिन को फिर से इस तरह का कदम उठाने से रोक सकें।
उन्होंने कहा कि प्रिगोजिन के विद्रोह का बेलारूस के भीतर भी कुछ हद तक असर होगा क्योंकि उनके विद्रोह की ये घटना पुतिन की कमजोरियों को सामने ले आई है।
रूस की जानी-मानी एनालिस्ट तातियाना स्टैनोवाया ने एक पोस्ट में लिखा कि रूस के संभ्रांत वर्ग के कई लोग निजी तौर पर इसके लिए पुतिन को जिम्मेदार ठहराएंगे कि मामला इस हद तक बढ़ गया और सरकार की तरफ से सही समय पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।
उन्होंने कहा कि यह पूरा घटनाक्रम केवल पुतिन के लिए नहीं बल्कि पुतिन के आला अधिकारियों के लिए भी एक तगड़ा झटका है।