
नई दिल्ली। ऑनलाइन एजुकेशनल लर्निंग प्लेटफॉर्म अनएकेडमी ने एजुकेटर करण सांगवान को नौकरी से निकाल दिया है। उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे पढ़े-लिखे कैंडिडेट्स को वोट देने की अपील कर रहे थे। अनएकेडमी ने करण पर कोड ऑफ कंडक्ट तोड़ने का आरोप लगाया।
दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने अनएकेडमी के फैसले की आलोचना की है। केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा- क्या पढ़े लिखे लोगों को वोट देने की अपील करना अपराध है? व्यक्तिगत तौर पर मैं अनपढ़ लोगों का सम्मान करता हूं। लेकिन 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण अनपढ़ जनप्रतिनिधि कभी नहीं कर सकते।
अनएकेडमी ने कहा- क्लासरूम व्यक्तिगत राय देने की जगह नहीं
इधर, अनएकेडमी के को-फाउंडर रोमन सैनी ने कहा कि हम एक एजुकेशन प्लेटफॉर्म हैं जो क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। क्लासरूम व्यक्तिगत राय और विचार देने की जगह नहीं है।
करण सांगवान बोले- शनिवार को अपना पक्ष रखूंगा
उधर, करण सांगवान ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो जारी कर कहा कि वे शनिवार को रात 8 बजे अपना पक्ष रखेंगे। करण हरियाणा के हिसार जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से क्रिमिनल लॉ में L.L.M किया है।
करण 2020 से अनएकेडमी में पढ़ा रहे थे। उनके पास सात साल से भी अधिक का टीचिंग एक्सपीरिएंस है।
करण ने कहा था- उन्हें न चुनें, जो सिर्फ नाम बदलते हो
वायरल वीडियो में करण सांगवान ऑनलाइन क्लासरूम में बच्चों को पढ़ाते दिख रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा- याद रखें जब भी आप अगली बार वोट करें तो पढ़े-लिखे लोगों को चुने। जो चीजों को समझता हो। ऐसे इंसान को न चुनें, जिनको सिर्फ नाम बदलना आता हो।
करण की टिप्पणी को सीधे बीजेपी से जोड़कर देखा गया। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया दो खेमों में बंट गया। कुछ लोगों ने जहां करण का समर्थन किया है, तो कई ने शिक्षा के प्लेटफॉर्म से राजनीतिक प्रोपेगेंडा फैलाने को लेकर अनएकेडमी की आलोचना की थी।