World

“उम्मीद है, मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत…” : राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता पर बोला जर्मनी

नई दिल्ली: जर्मनी ने आज कहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के मामले में ‘मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत’ लागू होने चाहिए, जिन्हें ‘मोदी सरनेम’ को लेकर चार साल पहले की गई टिप्पणी के बाद मानहानि के मामले में अदालत द्वारा दोषी करार दिया गया, और फिर उसी कारण से लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है.

जर्मन विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, “हमने भारत में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ फैसले के साथ-साथ उन्हें मिले संसदीय जनादेश के निलंबन पर भी ध्यान दिया है… हमारी जानकारी के अनुसार राहुल गांधी इस फैसले के खिलाफ अपील करने की स्थिति में हैं…” प्रवक्ता ने कहा, “इसके बाद स्पष्ट हो जाएगा कि क्या यह फैसला कायम रहेगा और क्या उन्हें मिले जनादेश के निलंबन का कोई आधार है…”

प्रवक्ता ने कहा, जर्मनी उम्मीद करता है कि इस मामले में ‘न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत’ लागू किए जाएंगे.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी के लिए आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख (23 मार्च, 2023) से लोकसभा (सांसद) के सदस्य के रूप में पिछले सप्ताह अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से सांसद थे.

इससे एक ही दिन पहले, सूरत की अदालत ने गुरुवार को राहुल गांधी को कर्नाटक में एक चुनावी रैली के दौरान 2019 में की गई उनकी ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी पर मानहानि के मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई थी.

राहुल गांधी ने अप्रैल, 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक लोकसभा चुनाव रैली में टिप्पणी की थी कि “सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है…” राहुल गांधी के खिलाफ सूरत पश्चिम से भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक पूर्णेश मोदी ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button